राजधानी देहरादून में बाल श्रम पर कार्य करने वाली संस्थाएं डीटीएफ, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट, बचपन बचाओ आंदोलन, मैक संस्था, समर्पण सोसायटी, चाइल्ड लाइन, आप का आसरा, नशा मुक्ति केंद्र द्वारा नगर के घंटाघर और दर्शन लाल चौक से आज 7 बच्चों को भीख मांगते और गुब्बारे बेचते हुए रेस्क्यू किया गया। 7 बच्चों की हालत बहुत ही दयनीय थी बच्चों को रेस्क्यू करने के बाद चंदन नगर खुला आश्रय मे रखा गया है। बता दे कि इनमें से कुछ बच्चे गलत माहौल मिलने के कारण नशे की चपेट में आते हैं और गैरकानूनी कामों में लिप्त हो हो जाते हैं।
संस्थाओं ने शासन और प्रशासन पर उठाएं सवाल :-
राजधानी देहरादून में कार्य करने वाली कुछ सामाजिक संस्थाओं द्वारा कई बच्चों को अनेक बार रेस्क्यू किया जा चुका है। ऐसे में संस्थाओं का कहना है कि हमारे द्वारा रेस्क्यू किए गए बच्चों हेतु शासन और प्रशासन के पुख्ता इंतजाम ना होने के कारण इन बच्चों का सही से पुनर्वास नहीं हो पा रहा है जिस कारण यह बच्चे कुछ समय बाद फिर से भिक्षावृत्ति और गुब्बारे बेचने को मजबूर हो जा रहे हैं। वही बच्चों ने काउंसलिंग के दौरान बताया कि वह पढ़ना चाहते हैं लेकिन माता पिता के दबाव मे दबाव में आकर भीख और गुब्बारे बेचने को मजबूर हैं बच्चों ने बताया कि पिता घर पर ही रहते और शराब पीकर घर में हंगामा करते हैं।
इस रेस्क्यू के दौरान धर्मेंद्र, मनवीर शाह, सुरेश उनियाल, जहांगीर आलम, मानसी मिश्रा, समीना सिद्दीकी, कृतिका छेत्री, संगीता आदि मौजूद रहे।