शंभू नाथ गौतम (वरिष्ठ पत्रकार): अपनी ब्रांडिंग करने के लिए केंद्र की मोदी सरकार का कोई जवाब नहीं । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को जनता के सामने अंदाज-ए-बयां करने में महारथ हासिल है । ‘पीएम मोदी का अपना ही सुपरहिट चुनावी मंत्र सबका साथ सबका विकास का किसान मजाक उड़ा रहे हैं’ । यह भी सही है कि केंद्र की भाजपा सरकार के नए कृषि कानून को लागू करने पर अन्नदाता पीएम मोदी को ही गुनाहगार मान रहा है । अब बात करते हैं महीने के आखिरी रविवार की । आज 27 दिसंबर को साल 2020 का आखिरी संडे है । हर माह के आखिरी रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रेडियो पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम के माध्यम से देशवासियों को संबोधित करते आ रहे हैं । ‘आज जब पीएम मन की बात कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे तो उनका अंदाज ए बयां फीका नजर आया’, बता दें कि पीएम ने कार्यक्रम के जरिए अभी तक सबसे कम केवल 30 मिनट देश की जनता को संबोधित किया’ । इससे पहले प्रधानमंत्री कम से कम एक घंटे तक संबोधित किया करते थे । ‘आज पीएम रेडियो कार्यक्रम के दौरान नाराज चल रहे किसानों की वजह से अपनी बात कहने में मन नहीं लगा पाए’ । पीएम ने कोरोना वायरस, लॉकडाउन, आत्मनिर्भर भारत अभियान, स्वच्छ भारत अभियान, तेंदुओं-शेरों की आबादी, समुद्र तटों की सफाई और लोगों के उन्हें भेजे गए पत्र आदि का जिक्र किया। ‘प्रधानमंत्री ने मन की बात में एक महीने से जारी किसान आंदोलन पर एक शब्द नहीं कहा, दूसरी ओर पीएम मोदी के संबोधन के दौरान राजधानी दिल्ली में कृषि कानून के विरोध में जमा देशभर के किसानों ने थाली और ताली बजाकर विरोध किया’ ।
किसानों के साथ आम आदमी पार्टी ने भी पीएम मोदी का थाली बजाकर किया विरोध :-
‘भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि कोरोना थाली बजाने से भागेगा उसी तरह किसानों ने भी थाली बजाया ताकि कृषि कानूनों को भगाया जाए’। इसके अलावा पंजाब के किसान और राजधानी दिल्ली में डेरा जमाए लगभग 40 किसान यूनियन के नेताओं ने प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम का खुलकर विरोध करते हुए थाली और ताली बजाई । दूसरी ओर आप नेता और पंजाब से सांसद भगवंत मान ने थाली बजाकर पीएम का विरोध किया। इस मौके पर सांसद मान ने कहा कि हमने किसानों के समर्थन में प्रधानमंत्री मोदी की झूठी मन की बात के खिलाफ थाली बजा कर विरोध जताया। दूसरी ओर उत्तर प्रदेश मेंं समाजवादी पार्टी ने भी किसानों के समर्थन में थाली बजाई । यहां हम आपको बता दें कि इसी वर्ष मार्च महीने में जब देश में कोरोना की शुरुआत हुई थी तब मोदी ने देशवासियों से थाली और ताली बजाने का आग्रह करते हुए कहा था कि यह महामारी देश से भाग जाएगी, लेकिन ऐसा हो नहीं सका । गौरतलब है कि दिल्ली की सीमाओं पर किसान 26 नवंबर से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं । किसानों के प्रदर्शन को एक महीने से ज्यादा समय हो गया है। किसानों की मांग है कि तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लिया जाए, लेकिन सरकार इस बात पर राजी नहीं है ।
राहुल गांधी ने किसानों को भाजपा सरकार के खिलाफ और उकसाया :-
शनिवार को पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना लागू करते समय इशारों में ही राहुल गांधी के ऊपर तंज कसते हुए कहा कि दिल्ली में कुछ लोग हैं, जो हमेशा मेरा अपमान करते हैं । प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कुछ राजनीतिक ताकतें मुझे लोकतंत्र पर लेक्चर दे रही हैं । मोदी के इस बयान के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी उन पर हमला बोला । कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी किसान आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार पर लगातार अपने ट्विटर पर हमला कर रहे हैं। साथ ही किसानों को अपना समर्थन भी दे रहे हैं। राहुल गांधी ने आज एक बार फिर ट्वीट किया । इस बार उन्होंने किसानों को भाजपा सरकार के खिलाफ उकसाने के लिए प्रसिद्ध कवि द्वारिका प्रसाद महेश्वरी की कविता का सहारा लिया । ‘राहुल ने उनकी कविता, वीर तुम बढ़े चलो, धीर तुम बढ़े चलो वॉटर गन की बौछार हो, या गीदड़ भभकी हजार हो तुम निडर डरो नहीं, तुम निडर डटो वहीं वीर तुम बढ़े चलो, अन्नदाता तुम बढ़े चलो’ ।
राहुल के इस बयान के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी उन पर हमला बोला । ‘नड्डा ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि, ये क्या जादू हो रहा है राहुल? पहले आप जिस चीज की वकालत कर रहे थे, अब उसका ही विरोध कर रहे हैं’ । नड्डा ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष का देश हित, किसान हित से कुछ लेना-देना नहीं है, सिर्फ राजनीति करनी है । भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि किसान राहुल गांधी का पाखंड और दोहरा चरित्र जान चुके हैं ।