विश्व भर मे 10 दिसम्बर का दिन विश्व मानवाधिकार दिवस के रूप मे मनाया जाता है। आपके लिए महत्वपूर्ण है यह जानना कि मानवाधिकार सभी अधिकारों का एक समूह है जो हर व्यक्ति को उसके लिंग, जाति, पंथ, धर्म, राष्ट्र, स्थान या आर्थिक स्थिति की परवाह किए बिना दिया जाता है। इन्हें नैतिक सिद्धांत भी कहा जाता है जो मानव व्यवहार के कुछ मानकों को स्पष्ट करते हैं। कानून द्वारा संरक्षित ये अधिकार हर जगह और हर समय लागू होते हैं।
बुनियादी मानवाधिकारों में जीवन का अधिकारए निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार, सक्षम न्यायाधिकरण, स्वतंत्रता और व्यक्तिगत सुरक्षा का अधिकार, संपत्ति का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, शांतिपूर्ण विधानसभा और संघ का अधिकार, विवाह और परिवार का अधिकार, राष्ट्रीयता और इसे बदलने की स्वतंत्रता, भाषण की स्वतंत्रता, भेदभाव से स्वतंत्रता, दासता से स्वतंत्रता, विचारधारा की स्वतंत्रता, अंतरात्मा और धर्म, आंदोलन की स्वतंत्रता, राय और सूचना का अधिकारए पर्याप्त जीवन स्तर के अधिकार और गोपनीयता के साथ हस्तक्षेप से स्वतंत्रता आदि शामिल हैं।
उत्तराखण्ड मानवाधिकार आयोग द्वारा सराहनीय कार्य किये गये है – सदस्या डाॅ0 हेमलता ढौंडियाल
वही उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून मे सोमवार को उत्तराखण्ड मानव अधिकार आयोग में मानव अधिकार दिवस के अवसर पर आयोग के सदस्यों की उपस्थिति में समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों की एक सभा हुई जिसमें मानव अधिकार संरक्षण के संबंध में सत्त कार्यरत एवं प्रयत्नशील रहने हेतु संकल्प लिया गया। इस अवसर पर कई वादकारी भी उपस्थित रहे। आयोग द्वारा मानव अधिकारों के प्रति कृत संकल्प होने के परिणाम स्वरूप आज विशेष रूप से वादों की सुनवाई की गई और 05 वादों का स्वतः संज्ञान लिया गया और 12 नये वादों पर निर्देश जारी किये गये।
आयोग के माननीय सदस्य न्यायमूर्ति अखिलेश चन्द शर्मा ने मानव अधिकार दिवस की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राज्य में मानव अधिकारों के संरक्षण के लिये जनवरी, 2018 से नवम्बर, 2018 तक 2090 वाद दर्ज हुए जिसमें से 1434 वाद निस्तारित हुए। इस अवधि में 355 प्रकरणों का स्वतः संज्ञान लेते हुए पूर्व में कई वादों में पीडित व्यक्तियों को आयोग द्वारा क्षतिपूर्ति दिलाई गई। जेल में कैदियों के अधिकारों यथा भोजन एवं स्वास्थ्य के प्रति प्रभावी सिफारिशें की गई।
आयोग की सदस्या डाॅ.हेमलता ढौंडियाल ने विचार व्यक्त किये कि विगत चार वर्षों में आयोग द्वारा मानव अधिकारों के संरक्षण के लिये सराहनीय कार्य किये गये हैं जिसमें पुलिस उत्पीडन, पर्यावरण क्षति तथा विशेष रूप से महिलाओं के प्रति अपराध का संज्ञान लिया गया है। जिसके लाभकारी परिणाम सामने आये हैं जिसके परिणाम रूवरूप आम जनता में मानव अधिकारों के प्रति जागरूकता दिखाई देती है। मानव अधिकारों के प्रति निष्ठा एवं संरक्षण के लिये समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रतिज्ञा दिलाई गई।
कार्यक्रम का संचालन अहमद अली अनु सचिव, उत्तराखण्ड मानव अधिकार आयोग द्वारा किया गया।