शंभू नाथ गौतम (वरिष्ठ पत्रकार) : आज 19 जनवरी, मंगलवार है । आज के दिन दो मैच खेले गए । पहला मैच ऑस्ट्रेलिया की धरती पर हुआ तो दूसरा मैच भारत की सियासी पिच पर हुआ ।हालांकि दोनों मैचों को लेकर देश के लोगों में और सियासी गलियारों में खूब प्रतिक्रियाएं देखी गईं । पहले हम बात करेंगे ब्रिस्बेन के गाबा मैदान की । यहां भारत के बल्लेबाजों ने इतिहास रचते हुए ऑस्ट्रेलिया की धरती पर ही उसे रौंद डाला । जब यह खबर देशवासियों को लगी तब खुशी के मारे पूरा देश झूम उठा । राजनीति के साथ तमाम बड़ी सेलिब्रेटीज ने भारतीय क्रिकेट टीम को बधाई-शुभकामनाएं दी । ‘ऑस्ट्रेलिया पर जीत का जश्न अभी खत्म भी नहीं हुआ था कि उसी दौरान भारत में दो राजनीति दलोंं के बीच सवालोंं की कुश्ती शुरू हो गई’ । बता दें कि ‘यह मैच भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच खेला गया, इसमें भी दोनों ओर से आरोप-प्रत्यारोपों की इतनी बौछार हुई कि आखिरी समय तक देशवासी इसके रोमांच में डूबे रहे’ । इस सियासी मैच की शुरुआत भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ट्वीट कर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर सवालों की छड़ी लगा दी। नड्डा के आरोपों से तिलमिलाएं राहुल ने इस बार ट्वीट का सहारा नहीं लिया बल्कि सीधे ही राजधानी दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर डाली । राहुल गांधी बेहद आक्रामक अंदाज में भाजपा के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जेपी नड्डा पर अपने ऊपर लगाए गए आरोपों का जवाब देते रहे । इस दौरान राहुल गांधी ने कृषि कानूनों के मुद्दे पर मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उनसे कुछ सवाल किए थे । इस पर ‘राहुल गांधी ने कहा कि वो कौन हैं, क्या वो मेरे प्रोफेसर हैं जो मैं उन्हें जवाब दूं, राहुल ने कहा कि मैं देश के किसानों, देश की जनता को जवाब दूंगा, अपनी आवाज उठाता रहूंगा चाहे कितना भी विरोध हो जाए’ । राहुल ने खुद को देश की रक्षा करने वाला देशभक्त करार दिया । ‘उन्होंने कहा कि वह न तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से डरते हैं और न ही भाजपा के लोगों से, कांग्रेेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि वह साफ सुथरे आदमी हैं, इसलिए उन्हें भाजपाई छू नहीं सकतेे’। इस दौरान राहुल गांधी ने ‘किसानों की पीड़ा’ पर ‘खेती का खून’ नाम वाली एक बुकलेट भी जारी की। कांग्रेस केेे पूर्व अध्यक्ष न कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों से बात नहीं करना चाहते हैं, ये उनका अंदाज ही नहीं है । आइए आपको बताते हैं जेपी नड्डा ने राहुल गांधी को लेकर क्या कहा था ।
जेपी नड्डा ने कांग्रेस और राहुल गांधी से ट्विटर के जरिए सात सवाल पूछे :-
आपको बता दें कि मंगलवार को ही बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ट्विटर के जरिए राहुल गांधी और कांग्रेस पर निशाना साधा । नड्डा ने टि्वटर के माध्यम से राहुल से किए किए गए यह हैं सात सवाल । जेपी नड्डा का पहला सवाल–राहुल गांधी कब वंशवाद छोड़ेंगे और कांग्रेस चीन पर झूठ बोलना बंद करेगी? क्या वह इस बात से इनकार कर सकतें हैं कि अरुणाचल प्रदेश में हजारों किलोमीटर जमीन पंडित नेहरू ने चीनी को उपहार में दिया गया था? कांग्रेस बार-बार चीन के सामने आत्मसमर्पण क्यों करती है? दूसरा सवाल– क्या राहुल गांधी का चीन और उनकी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ कांग्रेस पार्टी का समझौता रद करने का कोई इरादा है? क्या वह अपने परिवार द्वारा नियंत्रित ट्रस्टों में चीनी डोनेशन को वापस करने का इरादा रखते हैं? तीसरा सवाल–राहुल गांधी ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में देश को नीचा दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ा, आज जब भारत में सबसे कम मामले हैं और हमारे वैज्ञानिक टीका लेकर आए हैं, तो उन्होंने वैज्ञानिकों को बधाई क्यों नहीं दी और एक बार भी 130 करोड़ भारतीयों की सराहना की? चौथा सवाल-कांग्रेस भारत के किसानों को भड़काना और गुमराह करना कब बंद करेगी? पांचवां सवाल–यूपीए ने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को सालों तक क्यों रोककर रखा और एमएसपी नहीं बढ़ाया? कांग्रेस की सरकारों के दौरान दशकों तक किसान गरीब क्यों बने रहे? क्या वह किसानों के प्रति सहानुभूति केवल विरोध में महसूस करते हैं? छठा सवाल-राहुल गांधी झूठ फैला रहे हैं कि सभी एपीएमसी मंडियों को बंद कर दिया जाएगा, लेकिन क्या एपीएमसी एक्ट को बंद करने की योजना कांग्रेस के घोषणा पत्र का हिस्सा नहीं था? क्या इससे मंडी बंद नहीं होगी? यह है जेपी नड्डा का सातवां सवाल–राहुल गांधी ने तमिलनाडु में जल्लीकट्टू का आनंद लिया । जब सत्ता में थे, तब उनकी पार्टी ने इस पर प्रतिबंध क्यों लगाया और तमिल संस्कृति का अपमान किया । क्या उन्हें भारत की संस्कृति और लोकाचार पर गर्व नहीं है। भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा के इन्हीं सवालों से आवेश में आए राहुल गांधी ने भी पलटवार करते हुए आरोपों के जवाब दिए । जेपी नड्डा और राहुल गांधी के बीच हुए सियासी मैच का राजनीतिक गलियारों के साथ सियासी पंडित भी पूरे दिन आकलन में जुटे रहे । वैसे अच्छा होता नड्डा और राहुल गांधी अपने-अपने आरोप-प्रत्यारोपों को कम से कम आज भुलाकर ऑस्ट्रेलिया पर मिली भारत की जीत का जश्न मनाते और क्रिकेट खिलाड़ियों को बधाई संदेश देते ।