देहरादून/स्वप्निल : शुक्रवार को उत्तराखंड सचिवालय में
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिवों एवं सभी विभागीय सचिवों को उनके विभागों में प्रस्तावित व गतिमान योजनाओं/कार्यकम आदि का जमीनी स्तर पर भली-भांति परीक्षण / आंकलन व तुलना करने के बाद ही मंत्रिमण्डल की बैठक में विचारार्थ प्रस्तुत करने के निर्देश जारी किये हैं । इस अवसर पर उन्होंने सभी विभागो को अपनी वर्तमान योजनाओं का आंकलन कर एक समान योजनाओं (similar schemes) को merge करने के प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
वही उन्होंने नई योजना बनाते समय दूसरे विभागों की एक समान योजनाओं (similar schemes) का भी परीक्षण करने के निर्देश दिए हैं ताकि दो विभागों के वित्तीय प्रस्तावों के मध्य कोई विसंगति न हो। इसके साथ ही उन्होंने सभी प्रस्तावित योजनाओं में वित्तीय अनुशासन एवं मितव्ययिता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं । उन्होंने निर्देश दिए हैं कि योजनाओं की स्वीकृति में प्रक्रियाओं को सरल किया जाए ताकि अनावश्यक रूप से विलम्ब तथा “time & cost over runs” न हों।
साथ ही उन्होंने लोक निर्माण विभाग द्वारा रोड कटिंग के स्पष्ट मानक बनाने एवं जिलाधिकारी की अनुमति के बिना किसी भी विभाग द्वारा सड़क को बार-बार क्षति न पहुंचाने के भी निर्देश दिए हैं ।
ऐसे में उन्होंने सम्बंधित अधिकारियो को उक्त विषय पर जारी अपने पत्र में सख्त हिदायत देते हुए कहा है कि प्रायः देखा जा रहा है कि विभिन्न विभागों में प्रस्तावित व गतिमान योजनाओं/कार्यकम आदि का जमीनी स्तर पर भली-भांति परीक्षण आंकलन व तुलना किए बिना ही मा० मंत्रिमण्डल की बैठक में विचारार्थ प्रस्तुत कर दिया जाता है, जिससे वास्तविक उद्देश्य प्राप्त नहीं हो पाते है। मुख्य सचिव ने अधिकारियो को इस सम्बन्ध में शीघ्र आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए ।