राजधानी देहरादून की समाजिक संस्था संगमन द्वारा जो उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनने के उदेश्य से पिछ्ले कई दिनों से समाज से जुड़े कई बुद्धिजीवियों और अलग अलग क्षेत्रों में कार्य कर चुके विभिन्न विशेषज्ञों से जन सम्पर्क कर रही है। वही इस दौरान संस्था कई सेवानिवृत उच्च्य अधिकारीयों, वरिष्ठ समाजसेवियों और पत्रकारों से भेंट कर उनका सुझाव आमंत्रित कर रही है। जिससे उत्तराखंड को एक नई पहचान दिलाने की भूमिका निभाया जा सकें।
इसी कड़ी में संगमन संस्था के संस्थापक वरिष्ठ पत्रकार सुरेन्द्र अग्रवाल की अगुवाई में संस्थापक सदस्यों की एक टीम उत्तराखंड के मुख्य सूचना आयुक्त अनिल चंद्र पुनेठा से मिल कर उनका भी सुझाव प्राप्त किया।
बता दें कि संगमन संस्था की टीम से बात करते हुये सीआईसी पुनेठा ने कहा कि यदि भारतीय चंद्रमा के उस दक्षिणी ध्रुव पर तिंरगा लहरा सकते है,जहां पर आज तक विश्व का कोई देश नहीं पहुंच सका तो यह स्वत सिद्ध है कि भारतीयों मे प्रतिभा की कमी नहीं है। प्रत्येक भारतवासी को आत्ममंथन करना होगा।
आपकी जानकारी के लिये बता दें कि वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अनिल चन्द्र पुनेठा वर्तमान में उतराखन्ड के मुख्य सूचना आयुक्त के पद पर कार्यरत है। आन्ध्र प्रदेश में कई महत्वपूर्ण विभाग संभाल के बाद मुख्य सचिव बनें। आज उनका नाम के बेहतरीन और साफ सुथरी छवि के आईएएस अधिकारीयों में लिया जाता है।
वही सीआईसी पुनेठा का मानना है कि उत्तराखंड के दूरस्थ, दुर्गम क्षेत्रों की प्राथमिक जरूरत क्या है। सरकारी योजनाएं उसी अनुसार बनाई जाएं तो उपयोगी व सार्थक साबित होंगी। उत्तराखंड को सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिए सोसायटी मे बदलाव जरूरी है। इसके लिए शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ बनाना आवश्यक है।
साथ ही सीआईसी पुनेठा ने कहा कि गांव गांव के बच्चो को यदि प्राइमरी स्तर से ही अच्छी शिक्षा व्यवस्था देंगे तो यही बच्चे भविष्य मे अच्छे नागरिक बनेंगे। उन्होनें कहा कि उत्तराखंड में आने वाले पयर्टक, तीर्थयात्री जाम मे न फंसे, इस हेतु ठोस कदम उठाने होंगे। पयर्टको व तीर्थयात्रियों के जाम में फंस जाने से न केवल उनकी आगे की यात्रा प्रभावित होती है वरन उतराखन्ड की छवि को भी आघात लगता है।
ऐसे में उन्होनें यह भी कहा कि वीकेंड पर या सीजन मे भारी संख्या मे टूरिस्टों के आवागमन से स्थानीय निवासियों को भी भारी असुविधांए होती है। इनका निदान कहीं पर आउटर रिंग रोड या कहीं पर वन वे व्यवस्था लागू करने से हो सकता है। साथ ही साथ उन्होनें कहा कि दूरगामी दृष्टिकोण से बेहद उपयोगी सुझाव दिया। उनका मानना है कि दिनों-दिन हवाई यात्रा की पृवत्ति बढ रही है, इसे देखते हुये एपोर्ट के समीप नया शहर बनाने की ओर भी सोचना समय की आवश्यकता समझ आ रही है।
इस दौरान संस्थापक सदस्यों में रोहित गुप्ता, विजेंद्र यादव और स्वप्निल सिन्हा मौजूद रहें।