शंभू नाथ गौतम (वरिष्ठ पत्रकार) : रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद दुनिया भर के राष्ट्राध्यक्ष दोनों देशों से शांति की अपील कर रहे हैं। भारत भी इस विनाशकारी युद्ध को लेकर चिंतित है। लेकिन पाकिस्तान को रूस और यूक्रेन के बीच जंग में मजा आ रहा है। रूस की सरकारी यात्रा करने के लिए इस समय इमरान खान के लिए न तो सही हालात थे न दस्तूर । इमरान गुरुवार को ऐसे समय रूस पहुंचे जब रूसी सेनाओं ने यूक्रेन पर जंग की शुरुआत की। सबसे बड़ी बात यह रही जैसे ही इमरान खान मॉस्को हवाई अड्डे पर उतरे उन्होंने बेहूदा बयान दिया। जिसकी पूरी दुनिया भर में आलोचना हो रही है। इसके साथ इमरान खान का असली चेहरा फिर बेनकाब हो गया। बता दें कि यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद वहां मौत का मंजर छाया हुआ है। दूसरी तरफ, इस दौरान मॉस्को पहुंचकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ऐसा बयान दिया है, जिसके चलते वे आलोचना का शिकार हो गए हैं। इमरान ने एयरपोर्ट पर अपना स्वागत करने वाले रूसी डेलीगेशन से कहा- वाह क्या समय है, जब मैं यहां पहुंचा हूं। मैं बेहद रोमांचित हूं। बता दें कि पाकिस्तान की ओर से कोई प्रधानमंत्री करीब 23 साल बाद रूस की यात्रा पर हैं। उधर अमेरिका ने इमरान के इस दो दिन के मॉस्को दौरे पर तीखा रिएक्शन दिया है। अमेरिका ने कहा है कि यूक्रेन में रूस की कार्रवाई पर सवाल उठाना हर जिम्मेदार देश की जिम्मेदारी है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि अमेरिका ने यूक्रेन की स्थिति पर पाकिस्तान को अपनी स्थिति से अवगत करा दिया है।
वही बता दें कि इमरान खान और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच गुरुवार को मुलाकात हुई। दोनों नेताओं के बीच ऊर्जा सहयोग सहित द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा हुई। दोनों देश इस्लामोफोबिया और तालिबान नियंत्रित अफगानिस्तान की स्थिति सहित प्रमुख क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी बात की इमरान के साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी मॉस्को पहुंचा है। इसमें पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी, सूचना मंत्री फवाद चौधरी, योजना एवं विकास मंत्री असद उमर, वाणिज्य सलाहकार अब्दुल रजाक दाऊद और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डॉ. मोईद यूसुफ शामिल हैं। सही मायने में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को एसएम माहौल में रूस की यात्रा स्थगित कर देनी चाहिए थी। बल्कि प्रयास करने चाहिए इस विनाशकारी युद्ध को रोकने की पहल भी करनी चाहिए। लेकिन पाकिस्तान एक ऐसा देश है जो कि नहीं चाहता दुनिया शांति के मार्ग पर रहे। क्योंकि भारत का है यह पड़ोसी देश खुद ही आतंकवाद का समर्थक रहा है। आपको बता दें गुरुवार देर शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से टेलीफोन पर करीब 30 मिनट बात की। इस दौरान पीएम मोदी ने पुतिन से इस युद्ध को शांतिपूर्ण समाधान करने का आह्वान भी किया। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन में रह रहे 18,000 भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर भी चर्चा की।