भारत में सदियों से लड़कियों को लेकर पुरानी परंपरा में धीरे-धीरे अब बदलाव देखने को मिल रहा है। शहरों से लेकर गांव तक माता-पिता में लड़कियों की परवरिश और पढ़ाई लिखाई को लेकर जागरूकता का माहौल बना है। यही कारण है कि हाल के वर्षों में महिलाओं ने देश ही नहीं बल्कि विदेशों तक सभी क्षेत्रों में अपना नाम रोशन किया है। इसमें सरकारों की भी बड़ी भूमिका रही है। इस लाइनों को लिखने का उद्देश्य है कि आज राष्ट्रीय बालिका दिवस है। पूरे देश में बालिका दिवस धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। बता दें कि भारत में हर साल 24 जनवरी का दिन राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाया जाता है। राष्ट्रीय बालिका दिवस का महत्व बहुत अधिक है, यह बालिकाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के प्रति जागरूक करता है। राष्ट्रीय बालिका दिवस पर हर साल अलग अलग थीम रखी जाती है। लेकिन इस साल इस पर थीम नहीं रखी गई है। यह दिवस पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भी याद दिलाता है। 24 जनवरी के दिन इंदिरा गांधी पहली बार प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठी थी इसलिए इस दिन को राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाना का निर्णय लिया गया । इस दिन इंदिरा गांधी को नारी शक्ति के रूप में याद किया जाता है।
साल 2009 से राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने की हुई थी शुरुआत :-
तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार ने देश में राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने की शुरुआत की थी। साल 2009 में पहली बार महिला बाल विकास मंत्रालय ने की थी। आज 14वां राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जा रहा है। बता दें कि बालिका दिवस को मनाने का सबसे बड़ा कारण समाज में लोगों को बेटियों के प्रति जागरूक करना है। वो बालिकाओं के अधिकारों के बारे में हो, लड़कियों के शिक्षा के महत्व हो, स्वास्थ या उनके पोषण के बारे में हो। एक दौर ऐसा भी था, जब बेटियों को मार दिया जाता था। लड़कियों के बाल-विवाह करवा दिए जाते थे। पहले के समय में लड़कियों को कम उम्र में शादी करने के लिए मजबूर किया जाता था। मगर अब इसके खिलाफ कई सारे कानून बनाए गए हैं। राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने का उद्देश्य बालिकाओं को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करना है। हमारा देश बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। आज भारत विकासशील देश से विकसित देश की कदम पर चल रहा है। देश की बेटियां हर क्षेत्र में अपना नाम रोशन कर रही हैं।